प्रात समय श्री वल्ल्लभ सुत को, पुण्य पवित्र विमल यश गाऊँ ।
सुन्दर सुभग वदन गिरिधर को, निरख निरख दोउ दृगन खिलाऊं ॥
मोहन मधुर वचन श्री मुख तें, श्रवनन सुन सुन हृदय बसाऊँ ।
तन मन धन और प्रान निवेदन, यह विध अपने को सुफ़ल कराऊँ ॥
रहों सदा चरनन के आगे, महाप्रसाद को झूठन पाऊँ ।
नंददास प्रभु यह माँगत हों वल्लभ कुल को दास कहाऊँ ॥
2 टिप्पणिया
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जून 22, 2023 at 1:53 पूर्वाह्न
Vidita
It is very useful to be able to read it Bhajan/stuti/ pratah smaran all online !
Blessings to all who have made it possible for us !
अक्टूबर 23, 2023 at 1:37 पूर्वाह्न
Jsk
કળિયુગ માં ભગવદ્ નામ લેવડાવવા પણ પુણ્ય છે.