॥ जय श्री कृष्णा ॥
भगवान श्री कृष्ण परमब्रह्म पुरुषोत्तम हैं, उनकी अनन्यभाव से भक्ति करने वाले जीवों का सर्व विधि कल्याण है।
शुद्धाद्वैत सम्प्रदाय एवं पुष्टिमार्ग में शरण, समर्पण और सेवा का क्रम निश्चित किया गया है, जिनमें नवधा भक्ति का समावेश हो जाता है इसलिए हमारे आचार्य श्री के उपदेशानुसार प्रथम प्रभु की शरण में जाने का आदेश है। जीव प्रभु का अंश है, प्रभु से वियोग होने के कारण वह विविध दोष तथा दुःखों से युक्त हो रहा है। आचार्य श्री ने समस्त दोषों तथा दुःखों की निवृत्ति के लिये एवं निर्दोष बनने के लिये तथा आत्यन्तिक सुख प्राप्ति के लिये भगवान श्री कृष्ण की शरण में जाने की शिक्षा तथा दीक्षा दी है। इसी दीक्षा के अवसर पर आचार्य श्री ने शरण भावना प्रधान अष्टाक्षर महामन्त्र का उपदेश देकर सदैव शरण भावना रखने की शिक्षा दी है।
जीव के दोष मात्र का कारण उसका अहंकार तथा अभिमान है। इस अहंकार का उदय न हो तथा दीनताभाव सदैव सुदृढ रहे इसके लिये “श्री कृष्ण शरणम ममः” अर्थात मेरे लिये श्री कृष्ण ही शरण हैं, रक्षक हैं, आश्रय हैं – वही मेरे लिये सर्वस्व हैं। मैं दास हूं, प्रभु मेरे स्वामी हैं और मैं आपकी शरण में हूँ। इस भावना से दीनता बनी रहती है, तथा अहंकार का उदय नही होता ।
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धन अकिंचन का श्री कृष्ण शरणम ममः।
लक्ष्य जीवन का श्री कृष्ण शरणम ममः।
दीन दुःखियों का, निर्बल जनों का सदा, दृढ सहारा है श्री कृष्ण शरणम ममः।
वैष्णवों का हितैषी, सदन शांति का, प्राण प्यारा है श्री कृष्ण शरणम ममः।
काटने के लिये मोह जंजाल को, तेज तलवार श्री कृष्ण शरणम ममः।
नाम ही मंत्र है मंत्र ही नाम है, है महामंत्र श्री कृष्ण शरणम ममः।
छूट जाते है साधन सभी अंत में, साथ रहता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
साथी दुनिया में कोई किसी का नही, सच्चा साथी है श्री कृष्ण शरणम ममः।
तरना चाहो जो संसार सागर से तो, पार कर देगा श्री कृष्ण शरणम ममः।
शत्रु हारेंगे होगी विजय आपकी , याद रखना है श्री कृष्ण शरणम ममः।
सुख मिलेगा सफलता स्वयं आयेगी, तुम जपो नित्य श्री कृष्ण शरणम ममः।
पूरे होंगे मनोरथ सभी सर्वदा, जो न भूलोगे श्री कृष्ण शरणम ममः।
दीनबंधु कृपासिंधु गोविन्द के, प्रेम का सिंधु श्री कृष्ण शरणम ममः।
दुःख दारिद्र दुर्भाग्य को मेट कर, देता सौभाग्य श्री कृष्ण शरणम ममः।
ब्रह्मा-विष्णु-महेश भी प्रेम से, नित्य जपते हैं श्री कृष्ण शरणम ममः।
शेष सनकादि नारद विषारद सभी , रट लगाते हैं श्री कृष्ण शरणम ममः।
मंत्र जितने भी दुनिया में विख्यात हैं, मूल सबका है श्री कृष्ण शरणम ममः।
पानो चाहो जो सिद्धि अनायास है, वे जपें नित्य श्री कृष्ण शरणम ममः।
भक्त दुनिया में जितने हुए आजतक, सबका आधार श्री कृष्ण शरणम ममः।
लट्टुओं की तरह विश्व के जीव हैं, काम विद्युत का श्री कृष्ण शरणम ममः।
दुष्ट राक्षस डराने लगे जिस समय, बोले प्रहलाद श्री कृष्ण शरणम ममः।
राणा बोले कि रक्षक तेरा कौन है, मीरा बोली कि श्री कृष्ण शरणम ममः।
बोलो श्रद्धा से, विश्वास से, प्रेम से, कृष्ण श्री कृष्ण श्री कृष्ण शरणम ममः।
प्राणवल्लभ के वल्लभ हैं वल्लभ प्रभु, उनका वल्लभ है श्री कृष्ण शरणम ममः।
दुख मिटाता है देकर सहारा सदा, सुख बढाता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
धाम आनंद का, नाम गोविन्द का, सिंधु रस का है श्री कृष्ण शरणम ममः।
जग में आनन्द अक्षय अचल संपदा, नित्य देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
पांडवों की विजय क्यों हुई युद्ध में, उसका कारण है श्री कृष्ण शरणम ममः।
द्रौपदी का सहारा यही एक था, नित्य जपती थी श्री कृष्ण शरणम ममः।
ब्रज के गोपों का गोपीजनों का सदा, एक आश्रय था श्री कृष्ण शरणम ममः।
वल्लभाचार्य का विट्ठलाधीश का, मूल साधन था श्री कृष्ण शरणम ममः।
पुष्टीमार्गीय वैष्णव जनों के लिये, प्राणजीवन है श्री कृष्ण शरणम ममः।
लाभ लौकिक-अलौकिक विविध भांति के, सबसे बढकर है श्री कृष्ण शरणम ममः।
क्षीण हो जाते हैं पुण्य सब भांति के, किंतु अक्षय है श्री कृष्ण शरणम ममः।
काम सुधरेंगे सब लोक परलोक के, तुम जपोगे जो श्री कृष्ण शरणम ममः।
बल है निर्बल का, निर्धन का धन है यही, गुन है निर्गुण का श्री कृष्ण शरणम ममः।
यह असम्भव को संभव बनाता सदा, शक्तिशाली है श्री कृष्ण शरणम ममः।
कोई अन्तर नही नाम में रूप में, है स्वयं कृष्ण श्री कृष्ण शरणम ममः।
जिनको विश्वास नही वे भटकते रहें, हम तो जपते हैं श्री कृष्ण शरणम ममः।
खिन्नता , हीनता और पराधीनता, सब मिटाता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
भाग जाता है भय, होता निर्भय हृदय, याद आते ही श्री कृष्ण शरणम ममः।
दूर रखता है दुःसंग से सर्वदा, देता सत्संग श्री कृष्ण शरणम ममः।
रंग अद्भुत चढाता है सत्संग का, संग रहता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
कृष्ण का प्यार, पीयूष की धार है, शास्त्र का सार श्री कृष्ण शरणम ममः।
काम को, क्रोध को, मोह को, लोभ को , नष्ट करता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
मेट दुख-द्वन्द, भव-फन्द छल-छंद सब, देता आनन्द श्री कृष्ण शरणम ममः।
पाप का, ताप का, क्लेश का, द्वेष का, नाश करता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
ज्ञान ध्यानादि से, योग यज्ञादि से , सबसे बढकर है श्री कृष्ण शरणम ममः।
है अहोभाग्य उसके जिसे अन्त में, याद आता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
धन्य है भक्त वह जिसके मन में सदा, वास करता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
कृष्ण बसते हृदय में उसी भक्त के, जो भी जपता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
छूट जाते हैं धन-जन-भवन एक दिन, साथ जाता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
बस जरूरत है श्रद्धा की, विश्वास की, कल्पतरु ही हैं श्री कृष्ण शरणम ममः।
चलते फिरते जपो या जपो बैठकर, है सफल मंत्र श्री कृष्ण शरणम ममः।
चाहे अन्दर जपो, चाहे बाहर जपो,अंतर्यामी है श्री कृष्ण शरणम ममः।
आज तक जो किये हैं सुकृत आपने, फल हे उनका श्री कृष्ण शरणम ममः।
थक गये हैं जो जग में भटक कर उन्हे, देता विश्राम श्री कृष्ण शरणम ममः।
जग में जितने भी साधन हैं छोटे बडे, सबका स्वामी है श्री कृष्ण शरणम ममः।
जाना चाहो जो लीला में श्री कृष्ण की, तो जपो नित्य श्री कृष्ण शरणम ममः।
शुद्धि करनी हो जीवन की, मन की तुम्हे, तो जपो नित्य श्री कृष्ण शरणम ममः।
गेय श्रद्धेय है ये अनुपमेय है, है स्वयं श्रेय श्री कृष्ण शरणम ममः।
मन की ममता अहंता अभी मेट कर, समता देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
कृष्ण होते प्रकट अपने जन के निकट, नित्य रटते जो श्री कृष्ण शरणम ममः।
दुनिया झुकती है चरणों में उनके सदा, नित्य जपते जो श्री कृष्ण शरणम ममः।
शुद्धि करता है अन्तःकरण की सदा, बुद्धि देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
भ्रांति हरता है सिद्धांत के ज्ञान से, क्रांतिकारी है श्री कृष्ण शरणम ममः।
भक्ति का ज्ञान का और वैराग्य का, भाव भरता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
बन्द आँखों को सत्संग के ज्ञान से, खोल देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
दो सो बावन ओ चौरासी वैष्णव सभी, नित्य जपते हैं श्री कृष्ण शरणम ममः।
पुष्टिमार्गीय वैष्णव करोडों हैं जो, नित्य जपते हैं श्री कृष्ण शरणम ममः।
सेवा उत्तम है सब में सदा मानसी, श्रेष्ठ सुमिरन है श्री कृष्ण शरणम ममः।
कोई झंझट नही कोई खटपट नही, सीधा सादा है श्री कृष्ण शरणम ममः।
चस्का लग जाये रस का तो कहना ही क्या, अपने बस का है श्री कृष्ण शरणम ममः।
कृष्ण के प्रेम का, नेम का, क्षेम का, केन्द्र सबका है श्री कृष्ण शरणम ममः।
अपने गौरव तराजू में साधन सभी, तोल देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
ज्ञान का, ध्यान का, मान सम्मान का, दान देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
मानसी सिद्ध करता है सद्भाव की, वृष्टि करता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
ब्रह्म साकार भी है निराकार भी, सिद्ध करता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
मर्म समझाता है वेद के भेद का, खेद हरता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
सच्चे वैष्णव की ये मुख्य पहचान है, नित्य जपता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
वृद्धि करता है आयुष्य आरोग्य की, यह रसायन है श्री कृष्ण शरणम ममः।
मेट देता है भ्रम और संशय सभी, सिद्ध सदगुरु है श्री कृष्ण शरणम ममः।
बीज दुनिया में होता है हर चीज जा, भक्ति का बीज श्री कृष्ण शरणम ममः।
चारों युग में और चौदह भुवन में सदा, सर्व व्यापक है श्री कृष्ण शरणम ममः।
मन को निर्मल बना भगवदीय को , देता रस दान श्री कृष्ण शरणम ममः।
सुहृदय के हिंडोले में श्री कृष्ण को, नित झुलाता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
रास के जो रसिक हैं उन्हे पास में, नित बुलाता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
आस विश्वास रखते हैं जो कृष्ण में , दास जपते हैं श्री कृष्ण शरणम ममः।
अन्याश्रय से डरते हैं वैष्णव सदा, उनका आश्रय है श्री कृष्ण शरणम ममः।
प्रेम बाजार में सदगुरु जो हरि, रत्न देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
तोला जाता नही मोल बिकता नही, रत्न अनमोल श्री कृष्ण शरणम ममः।
भाग्यशाली भगवदीय जन ही सदा, प्राप्त करते हैं श्री कृष्ण शरणम ममः।
जो कृपा पात्र हैं बस उन्ही के लिये, है ये वरदान श्री कृष्ण शरणम ममः।
है बडे भाग्य उनके जिसे मिल गया, देव दुर्लभ है श्री कृष्ण शरणम ममः।
मिल गया है जिन्हे वे सुने ध्यान से, वे धरोहर हैं श्री कृष्ण शरणम ममः।
है ये गोलोक का मार्गदर्शक सखा, नित्य रटना है श्री कृष्ण शरणम ममः।
जेबकतरों, अविश्वासियों से सदा, गुप्त रखना है श्री कृष्ण शरणम ममः।
छोड देते हैं अपने सभी लोग तब, साथ देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
टूट जते हैं ममता के धागे सभी, साथ देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
पर्दा हटाता है दिल में अज्ञान का, कृष्ण बनता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
देखता है न अपराध जन का कभी, है क्षमाशील श्री कृष्ण शरणम ममः।
रंग की , धोप के, धन की, परवाह नही, प्रेम चाहता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
दूर हरि से न हरिजन रहे एक भी, चाहता है यह श्री कृष्ण शरणम ममः।
माता करती हिफाजत उसी तौर से , रक्षा करता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
आप उनके बनें वे बने आपके, यही कहता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
भक्त सोता है तब भी स्वयं जाग कर, पहरा देता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
चाहे मानो न मानो खुशी आपकी, सच्चा धन तो है, श्री कृष्ण शरणम ममः।
डर नही है किसी द्वेत का, प्रेत का , शुद्धद्वैत श्री कृष्ण शरणम ममः।
यह सीधी सडक चल पडो बेधडक, साथ रक्षक है श्री कृष्ण शरणम ममः।
हारते हे नही वे कहीं भी कभी, नित्य जपते जो श्री कृष्ण शरणम ममः।
श्याम सुंदर निकुंजों में मिल जायेगें, ढूंढ लायेगा श्री कृष्ण शरणम ममः।
दुनिया सपना है अपना न कोई यहाँ , नित्य जपना है श्री कृष्ण शरणम ममः।
सत्य शिव और सुन्दर है सर्वस्व जो, वो है नवनीत श्री कृष्ण शरणम ममः।
धन अकिंचन का श्री कृष्ण शरणम ममः।
लक्ष्य जीवन का श्री कृष्ण शरणम ममः।
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48 टिप्पणिया
Comments feed for this article
मार्च 27, 2008 at 7:43 पूर्वाह्न
RAJEEV SHARMA
AP KI SATSANG KI JAI HO SHRI KRISHANYA SHARNM MMH. AAP SSE MILNA CHAHTA HU SHRI KRISHNYA SHARNAM MMH GREAT WORK SHRS KRISHNYA SHARM MMH VRINDAVAN KA KRISHAN KANHIA SHRI KRISHYA SHARNM MMH AP MILE YA NA MTLE JOR SE BOL SHRI KRISHNYA SHARNM MMH AP JASE BHAGT KO PRNM SHRI KRISHNYA SHARNM MMH INTZAR HAI AP KA JABAB KA SHRI KRISHYA SHARNM MMH
दिसम्बर 16, 2010 at 9:58 पूर्वाह्न
GULSHAN ARORA
RESPECTED RAJIV JI
APKO MERA PREM SE SARA BOR JAI SHREE KRISHNA APKI YE LAGA HAMESHA BADTI RAHE, MEIN TRAIN MEIN GATA HU HARI JI MERI LAGAN BADATEY RAHIYO, MERI THAKUR JI SE YAHI VINTI HAI KI APKI IS LAGAN KO DEKH KAR UNKE SHREE CHARNO MEIN VINTI HAI KI APKI LAGA IS TARA BADTI RAHE JAI SHREE KRISHNA
दिसम्बर 17, 2010 at 4:35 पूर्वाह्न
GULSHAN ARORA
RAJIV BHAI KO GULSHAN ARORA KA JAIS HREE KRISHNA APKI LAGAN HAMESHA U HI SHRI CHARNO MEIN BADTI RAHE
मई 6, 2008 at 12:07 अपराह्न
RAJEEV SHARMA
SHRI KRISHN KA SANG SE BARA KOI SAT SANG NAHI HE MANAV DEH PANE BLO YAH DEH BHOG KE LIIA NAHI MILA HAI. JAGO AUR JAGAO. SHRI KRISHN KA HAMESHA SUMRAN KRO. PLEASE DO NOT WASTE YOUR LIFE.ONLY SHRI KRISHANA CAN SAVE YOU. SO PLEASE THINK ONLY OF HIM
फ़रवरी 15, 2009 at 12:48 अपराह्न
navneet gattani
sadar jai shri krishna, pushtimarg me ana ek bahut bada saubhagya hai jo thakur ji se shri mahabrabhu ji ne apni jeevan ki dor ko jod diya hai aur ab apan bhale hi thakur ji ki kripa ka anubhav kare ya na kare,ya thakur ji ka smaran kare ya na kare wo apan ko apne aap se alag nahi karenge.isliye is jeevan ko safal bana hai to pal pal thakurji ke.shri gurudev ji ke, shri vallabhacharya ji ke,shri vallabh kul ke charano ka smaran karte rehkar sab kaam karna chahiye. me,mera,mene ye sab bhulkar hamesha ye sochna chahiye ki jo hai thakurji hai,jo karna hai unko karna hai,jo karvana hai unko karvana hai. apna kaam karma karne ka hai baki unki kripa jo apne liye uchit hoga waisa hi karenge.
sadaiv vaishnavo ko sadar jai shri krishna
सितम्बर 1, 2009 at 8:44 पूर्वाह्न
om kumawat
SHRI KRISHN KA SANG SE BARA KOI SAT SANG NAHI HE MANAV DEH PANE BLO YAH DEH BHOG KE LIIA NAHI MILA HAI. JAGO AUR JAGAO. SHRI KRISHN KA HAMESHA SUMRAN KRO. PLEASE DO NOT WASTE YOUR LIFE.ONLY SHRI KRISHANA CAN SAVE YOU. SO PLEASE THINK ONLY OF HIM
सितम्बर 1, 2009 at 8:56 पूर्वाह्न
om kumawat
श्री कृष्ण शरणम ममः
श्री कृष्ण शरणम ममः
श्री कृष्ण शरणम ममः
श्री कृष्ण शरणम ममः
श्री कृष्ण शरणम ममः
सितम्बर 22, 2009 at 11:09 अपराह्न
t
Are these literatures availble in english?
नवम्बर 5, 2009 at 3:29 पूर्वाह्न
Alkesh Shah
Jay Shri Krushna – Jay Jay Shri Gokulesh
Very nice work done – glad to see the “original” vani of Shri Mahaprabhuji in devenagari lipi. Excellent work.
I could be wrong but can you please check with some shashtiriji or shri vallbah kul balak – exactly the correct way to write “Shri Krushna Saranam Mama” – if we put those two dots “:” after the mama: at the end – it changes the meaning as “shri krushna is under my sharan” instead of jeeva supposed to say “main krushna ke sharan main hu” – we must find out the CORRECT way to write our ashtakshar mantra. Whenver we find this similar error, we should try to have it replace the RIGHT way. Mamh supposed to have the khodi line not the colons as : and the colons should go after the Krushna – “shri krushna: sarnam mamah”
मार्च 13, 2021 at 5:28 अपराह्न
राजीव
आप सही कह रहे हैं
श्री कृष्णः शरणम् मम ।।
अगस्त 16, 2010 at 7:12 अपराह्न
Joshna Pattni
Why cant i do thakorji smaran? I keep thinking about lokick. Please reply in gujarati or hindi if possible.
अगस्त 18, 2010 at 1:36 पूर्वाह्न
Mahaveer singh
hare krishna hare krishna
सितम्बर 1, 2010 at 1:57 अपराह्न
Joshna
why do we always have to bare pain from people that are doing bad to you, when we are always doing good?
सितम्बर 30, 2010 at 6:35 अपराह्न
Joshna
Why does righteousnous always fail, and evil always prevail?
मार्च 20, 2011 at 12:42 पूर्वाह्न
swati gupta
♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
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♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
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♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
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♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥
श्री राधे……….
फ़रवरी 1, 2017 at 1:05 अपराह्न
Arjun singh
S
अप्रैल 13, 2011 at 6:58 पूर्वाह्न
Poonam
Jai Shri Krishan
Ap sabhi mera sadar Namaskar
Me kanha Ji se milna Chahti hu, Kya Ap meri Help Kar Sakte Ho, Mere sath kuch acha nahi ho raha, meri tabiyat bilkul thik nahi rahti and mere upar bahut jimedariya he,
Me hamesa suru se ab tak kanhaji se hi bate karke badi hui, Unhe mene apna dost sab kuch mana,
Par Jab aj muge unki bahut jarurat he to vo muge najar nahi aa rahe muge unka ehsas nahi ho pa raha,
kanhaji kya mugse naraj he, apme se meri koi help kar sakta he?
दिसम्बर 10, 2017 at 6:42 अपराह्न
राज
आप के कान्हाजी, आप के साथ है आप परेशानी में हो इसीलिये आप उन्हें महसूस करने में कम पडरहे हो, उन्हें महसूस करो वो आप की हेल्प कररहे है पर आप अपनी इच्छा के हिसाब से करना चाहते हो पर कान्हाजी को पता है आप को क्या चाहिए आप के लिए क्या अच्छा है।
जो हो रहा है उसे कान्हाजी की इच्छा मानो और होने दो किसी दूसरे का मत सोचो,
अगर आप का विश्वास हो तो।
ll श्री कृष्ण शरणम ममः ll
हरे कृष्णा
मई 17, 2011 at 5:09 पूर्वाह्न
om prakash
धन अकिंचन का श्री कृष्ण शरणम ममः।
लक्ष्य जीवन का श्री कृष्ण शरणम ममः।
दीन दुःखियों का, निर्बल जनों का सदा, दृढ सहारा है श्री कृष्ण शरणम ममः।
वैष्णवों का हितैषी, सदन शांति का, प्राण प्यारा है श्री कृष्ण शरणम ममः।
काटने के लिये मोह जंजाल को, तेज तलवार श्री कृष्ण शरणम ममः।
नाम ही मंत्र है मंत्र ही नाम है, है महामंत्र श्री कृष्ण शरणम ममः।
छूट जाते है साधन सभी अंत में, साथ रहता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
साथी दुनिया में कोई किसी का नही, सच्चा साथी है श्री कृष्ण शरणम ममः।
तरना चाहो जो संसार सागर से तो, पार कर देगा श्री कृष्ण शरणम ममः।
शत्रु हारेंगे होगी विजय आपकी , याद रखना है श्री कृष्ण शरणम ममः।
मई 17, 2011 at 5:10 पूर्वाह्न
om prakash
नृसिंह अवतार
भारतकोश -ज्ञान का हिन्दी महासागर
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोज
नृसिंह अवतार
Narsingh Avatarधरा के उद्धार के समय भगवान ने वाराहरूप धारण करके हिरण्याक्ष का वध किया। उसका बड़ा भाई हिरण्यकशिपु बड़ा रुष्ट हुआ। उसने अजेय होने का संकल्प किया। सहस्त्रों वर्ष बिना जल के वह सर्वथा स्थिर तप करता रहा। ब्रह्मा जी सन्तुष्ट हुए। दैत्य को वरदान मिला। उसने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। लोकपालों को मार भगा दिया। स्वत: सम्पूर्ण लोकों का अधिपति हो गया। देवता निरूपाय थे। असुर को किसी प्रकार वे पराजित नहीं कर सकते थे।
‘बेटा, तुझे क्या अच्छा लगता है?’ दैत्यराज ने एक दिन सहज ही अपने चारों पुत्रों में सबसे छोटे प्रह्लाद से पूछा।
‘इन मिथ्या भोगों को छोड़कर वन में श्री हरि का भजन करना!’ बालक प्रह्लाद का उत्तर स्पष्ट था। दैत्यराज जब तप कर रहे थे, देवताओं ने असुरों पर आक्रमण किया। असुर उस समय भाग गये थे। यदि देवर्षि न छुड़ाते तो दैत्यराज की पत्नी कयाधू को इन्द्र पकड़े ही लिये जाते थे। देवर्षि ने कयाधू को अपने आश्रम में शरण दी। उस समय प्रह्लाद गर्भ में थे। वहीं से देवर्षि के उपदेशों का उन पर प्रभाव पड़ चुका था।
मार्च 20, 2012 at 7:20 पूर्वाह्न
Pratik
Bahu saras mara vala .shreekrush n sarnam mama
अक्टूबर 4, 2012 at 11:31 पूर्वाह्न
saiamar rajpurohit
साईँ वार की सब को हार्दिक शुभ कामनाऐँ
शिर्डी आना-जाना सब साईं के वश में
भक्तों की चाह को वो पूरी करते हैं पल में
उनकी इच्छा बिना न कोई शिर्डी से जा सका
साईं की मर्ज़ी के बिना ना शिर्डी ही आ सका
काका जी एक बार आना चाहते थे शिर्डी
बाबा की इच्छा से ही शामा संग आ गए शिर्डी बाबा की छवि देख काका तृप्त हो गए
लीलाएं उनकी सुनकर शरणागतही हो गए
ठीक ऐसे ही बाबा ने रामलाल को कहा
सपने में उसके शिर्डी आने को कहा
गद्गद् हो कर रामलाल शिर्डी आ गया
फिर शिर्डी से कहीं और नहीं वो गयाकाटने के लिये मोह जंजाल को, तेज तलवार श्री कृष्ण शरणम ममः।
नाम ही मंत्र है मंत्र ही नाम है, है महामंत्र श्री कृष्ण शरणम ममः।
छूट जाते है साधन सभी अंत में, साथ रहता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
साथी दुनिया में कोई किसी का नही, सच्चा साथी है श्री कृष्ण शरणम ममः।
तरना चाहो जो संसार सागर से तो, पार कर देगा श्री कृष्ण शरणम ममः।
शत्रु हारेंगे होगी विजय आपकी , याद रखना है श्री कृष्ण शरणम ममः।
जुलाई 16, 2013 at 12:55 अपराह्न
Radhey Shyam
saiamar rajpurohit ji.. kripya pushtimarg ka arth samajhiye Sai baba ek kattar yavan fakeer the jo maas bhi khate the aur fateha bhi padhte the.. isliye param puneet nandalay ke vaibhav ko pragatane wale pushtimarg se Sai fakeer ki tulna na karein aur na hi uska yaha ullekh karein
agar meri baat aapko buri lagi ho to main kshamah prarthi hoon
Jai shri Krishna
दिसम्बर 12, 2012 at 4:44 अपराह्न
ashok kumar
radhe radhe naam japa karo aur man icha fal paao
अप्रैल 10, 2013 at 8:07 पूर्वाह्न
omprakash bohra
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
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♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
मार्च 21, 2014 at 7:48 अपराह्न
Dinesh jangir India rajsthan Jaipur
साईँ वार की सब को हार्दिक शुभ कामनाऐँ
शिर्डी आना-जाना सब साईं के वश में
भक्तों की चाह को वो पूरी करते हैं पल में
उनकी इच्छा बिना न कोई शिर्डी से जा सका
साईं की मर्ज़ी के बिना ना शिर्डी ही आ सका
काका जी एक बार आना चाहते थे शिर्डी
बाबा की इच्छा से ही शामा संग आ गए शिर्डी बाबा की छवि देख काका तृप्त हो गए
लीलाएं उनकी सुनकर शरणागतही हो गए
ठीक ऐसे ही बाबा ने रामलाल को कहा
सपने में उसके शिर्डी आने को कहा
गद्गद् हो कर रामलाल शिर्डी आ गया
फिर शिर्डी से कहीं और नहीं वो गयाकाटने के लिये मोह जंजाल को, तेज तलवार श्री कृष्ण शरणम ममः।
नाम ही मंत्र है मंत्र ही नाम है, है महामंत्र श्री कृष्ण शरणम ममः।
छूट जाते है साधन सभी अंत में, साथ रहता है श्री कृष्ण शरणम ममः।
साथी दुनिया में कोई किसी का नही, सच्चा साथी है श्री कृष्ण शरणम ममः।
तरना चाहो जो संसार सागर से तो, पार कर देगा श्री कृष्ण शरणम ममः।
शत्रु हारेंगे होगी विजय आपकी , याद रखना है श्री कृष्ण शरणम ममः।
अगस्त 26, 2013 at 7:05 पूर्वाह्न
Pratik Bhagat
जी में आपके द्वारा इस ब्लॉग में दी गई महितिको अपने पेज पर प्रदर्शित करता हूँ. आपको इस पर कोई आपत्ति नहीं है न? में आपके इस ब्लॉग काभी मेरे पेज में प्रचार करूँगा. धन्यवाद
नवम्बर 27, 2013 at 2:58 पूर्वाह्न
अम्बिका प्रकाश तिवारी
श्री राधेकृष्ण की ज्योति अलौकिक , तीनो लोक में छाये रही है….
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
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♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
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♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
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♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
मार्च 21, 2014 at 7:43 अपराह्न
Dinesh jangir India rajsthan Jaipur
सत्य शिव और सुन्दर है सर्वस्व जो, वो है नवनीत श्री कृष्ण शरणम ममः।
मार्च 21, 2014 at 7:45 अपराह्न
Dinesh jangir India rajsthan Jaipur
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
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♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
♥║श्री कृष्ण शरणम् ममः║♥
अगस्त 29, 2014 at 4:14 पूर्वाह्न
vijay nigade
Jai shree krishn prabhu Nand ke aanand .Hame sweekar karo prabhu
सितम्बर 13, 2014 at 7:00 पूर्वाह्न
sarwan tayal
very sundar srreekrishana sarnam mantra please sendmantra
सितम्बर 16, 2015 at 10:58 पूर्वाह्न
ravi khandelwal
prabhu se viniti hai hey prabhu aap apna bana ke rakhna kabhi apni nigah mere pe se nahi hathana . me aapke charanan me para raho. jai shree krishna
मई 16, 2016 at 7:12 पूर्वाह्न
rajeev ranjan
jai shree krishana shree krishana sharanam mamha
जून 30, 2016 at 6:43 पूर्वाह्न
sagar patadiya
pahele to श्री कृष्ण शरणम ममः। aese nahi likhte.
Aese likhte hai.
” श्री कृष्णः शरणं मम् ”
ashtakshar mantra sach likhna aur bolna chahiye.
फ़रवरी 17, 2019 at 9:17 पूर्वाह्न
बृजेश शर्मा
जय श्रीकृष्ण। आप सही कह रहे हैं, प्रमाण के लिए नवरत्न स्तोत्र के आठवें श्लोक का संदर्भ लिया जा सकता है।
फ़रवरी 3, 2017 at 6:07 अपराह्न
Meghraj
Please mujha rada Kishan ji mila na marg darshan karo…
अगस्त 10, 2017 at 11:04 पूर्वाह्न
Rohot
Radhe Radhe bolo
फ़रवरी 25, 2017 at 5:40 पूर्वाह्न
Babulal
श्री कृष्ण शरणम् ममः मेरा जीवन हैं
अगस्त 10, 2017 at 11:01 पूर्वाह्न
Rohot
Krishna aaye or chale gaye Jesu aaye chale gaye dono ne bola ki main he Parmeshwar hu to kya dono Bhagwan the . islam main kuran bolte hai ki Allaha God is one
Kya sath hai.
नवम्बर 3, 2018 at 10:10 पूर्वाह्न
Raman manhas
Jesus….bolta hai(i am the son of god)
Muhamaad bolta hai ( i am the messenger of god)
Lekin bhagwan shree krishna bolte hain ,,
mein Swayam BHAGWAN HU,ANANT HU, SARV VYAPE HU,
MEIN HI SAB KUCH HU…SHREE KRISHNA hi prabrahm hain
Swayam hi shiv hai,swayam hi visnu hain aur swayam hi brahma hain
अगस्त 10, 2017 at 11:01 पूर्वाह्न
Rohot
Krishna aaye or chale gaye Jesu aaye chale gaye dono ne bola ki main he Parmeshwar hu to kya dono Bhagwan the . islam main kuran bolte hai ki Allaha God is one
Kya sath hai.
अक्टूबर 11, 2017 at 12:03 अपराह्न
sarvdaman nagaich
Shri krishna sharan an mamh
नवम्बर 3, 2018 at 10:00 पूर्वाह्न
Raman manhas
Kabb miloge kanhaiyaa
सितम्बर 15, 2019 at 1:14 अपराह्न
pramod singh
mai mantra lena chahta hu please mobile no 7352418984
फ़रवरी 11, 2020 at 3:47 अपराह्न
Sachin
Krishna Nam Japo, Ram Nam Japo.
Sankat me kam aagega Shri Krishna Sharnam Mamah.Lord Krishna always help to his devotee . Bhakto ka adhar he Shri Krishna Sharnam Mamah .
अगस्त 5, 2020 at 3:59 अपराह्न
Kiran balkawa
Mera sabkuch bhagwan Sheree krishna
सितम्बर 5, 2022 at 7:27 पूर्वाह्न
भावना पंड्या
श्री कृष्णः शरणं मम। = मैं श्री कृष्णकी शरणमें जा रहा हुं/जा रही हुं।
श्री कृष्ण शरणं ममः। = श्री कृष्ण मेरी शरणमें आ रहे है।
सब लोग अपना मंत्र सुधार और सच्चा बोलो। नहीं तो मंत्रका अर्थ बिल्कुल विपरीत होता है।