You are currently browsing the category archive for the ‘राग केदार’ category.

चकइरी चल चरण सरोवर जहां नहि प्रेम वियोग ।
जहां भ्रम निशा होत नहिं कबहुं सो सायर सुखयोग ॥१॥

सनकसे हंस मीन शिव मुनिजन नख रवि प्रभा प्रकाश ।
प्रफुलित कमल निमिश नहिं शशीडर गुंजत निगम सुवास ।२॥

जिंहिंसर सुभग मुक्ति मुक्ताफल विमल सुकृत जल पीजे ।
सो सर छांड क्यों कुबुद्धि विहंगम इहां रही कहा कीजे ॥३॥

जहां श्री सहस्त्र सहित हरि क्रीडत शोभित सूरजदास ।
अब न सुहाय विषय रस छिल्लर वह समुद्र की आस ॥४॥

श्री यमुने सुखकारनी प्राण प्रतिके ।
जिन्हे भूलि जात पिय सुधि करि देत, कहाँ लों कहिये इनके जु हित के ॥१॥

पिय संग गान करे उमंगी जो रस भरे, देत तारी कर लेत झटके ।
दास परमानन्द पाये अब ब्रजचन्द अहि जानत सब प्रेम गति के ॥२॥

श्री यमुने पिय को बस तुमजु कीने ।
प्रेम के फंद ते गहिजु राखे निकट ऐसे निर्मोल नग मोल लीने ॥१॥

तुमजु पठावत तहां अब धावत सदा, तिहारे रसरंग में रहत भीने ।
दास परमानन्द पाये अब ब्रजचन्द, परम उदार श्री यमुने जु दान दीने ॥२॥

श्री यमुने के साथ अब फ़िरत है नाथ ।
भक्त के मन के मनोरथ पूरन करत , कहां लो कहिये इनकी जु गाथ ॥१॥

विविध सिंगार आभूषन पहरे, अंग अंग शोभा वरनी न जात ।
दास परमानन्द पाये अब ब्रजचन्द राखे अपने शरण बहे जु जात ॥२॥

श्री यमुने की आस अब करत है दास ।
मन कर्म बचन जोरिके मांगत, निशदिन रखिये अपने जु पास ॥१॥

जहाँ पिय रसिकवर रसिकनी राधिका दोउ जन संग मिलि करत है रास।
दास परमानंद पाय अब ब्रजचन्द देखी सिराने नेन मन्दहास ॥२॥

नवीनतम

श्रेणियां

पुरालेख

अन्नकूट के पद आरती आश्रय के पद आसकरण जी इन्द्रमान भंग के पद कलेऊ के पद कुंभनदास जी कृष्णदास जी कृष्णदासनि जी खंडिता के पद गणगौर के पद गदाधर जी गिरिधर जी गोविन्द दास जी घासीराम जी चतुर्भुज दास जी छीतस्वामी जी जगाने के पद जन्माष्टमी डोल के पद तुलसीदास जी दान के पद दीनता के पद द्वारकेश धमार के पद नंददास जी नंद महोत्सव नित्य पाठ नित्य सेवा परमानंददास जी पलना पवित्रा के पद फूलमंडली के पद बसंत के पद भगवान दास जी मंगला आरती मंगला सन्मुख मकर सक्रांति के पद महात्म्य महाप्रभु जी का उत्सव महाप्रभू जी की बधाई माधोदास जी यमुना जी के पद यमुना जी के ४१ पद रथ यात्रा के पद रसिक दास राखी के पद राग आसावरी राग कल्याण राग कान्हरो राग काफी राग केदार राग गोरी राग गौड सारंग राग जैजवंती राग टोडी राग देवगंधार राग धना श्री राग नूर सारंग राग बसंत राग बिलावल राग बिहाग राग भैरव राग मल्हार राग मालकौस राग मालव राग रामकली राग रायसो राग ललित राग विभास राग सारंग राग सोरठ राजभोज आरोगाते समय रामनवमी के पद रामराय जी विवाह के पद विविध विविध भजन शयन सन्मुख के पद श्री गंगाबाई श्रीजी श्रीनाथ जी श्री महाप्रभु जी के पद श्री वल्लभ श्री वल्ल्भ श्री हरिराय जी श्रृंगार के पद श्रृंगार सन्मुख षोडश ग्रंथ सगुनदास जी सांझी के पद सूरदास जी सूरश्याम हरिदास जी हिंडोरा के पद होली के पद होली के रसिया

Enter your email address to subscribe to this blog and receive notifications of new posts by email.

Join 356 other subscribers