चिरैया चुहचहांनी, सुन चकई की वानी कहत यशोदा रानी जागो मेरे लाला।

रवि की किरण जानी कुमुदिनी सकुचानी कमलन विकसानी दधिमथें बाला ॥१॥

सुबल श्रीदामा तोक उज्ज्वल वसन पहरें द्वारें ठाडे टेरत हे बाल गोपाला ॥

नंददास बलहारी उठो क्यों न गिरिधारी सब कोऊ देख्यो चाहे लोचन विशाला ॥२॥