जय श्रीनाथ हरे, प्रभु जय श्रीनाथ हरे,
कोमल कर में बिराजत, श्री गिरिराज धरे, प्रभु…
देव दमन प्रभु नाग दमन प्रभु दूषन सब हरता
नंद कुमार अलौकिक लीला के कर्ता।
सटक पूतना वृषवासुर, धेनुक तुम तारी
इन्द्र दमन कर श्रीपति ब्रज की रखवारी
दावानल कर पान योगेश्वर विपदा सब टाली
मोर पंख सिर गुंजामाल गल, वन वन गऊचारी
भक्तवत्सल्य करुणामय, तुम सबके स्वामी
रक्षाकरो दया मय सत्य पतित नामी।
1 टिप्पणी
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दिसम्बर 7, 2018 at 5:48 पूर्वाह्न
rajeev shingal
Thank you for posting this puja.