You are currently browsing the category archive for the ‘सगुनदास जी’ category.

कांकरवारे तैलंग तिलक द्विज वंदो श्रीमद लछमननंद ।
द्वैपथ राज सिरोमनि सुंदर भूतल प्रगटे वल्लभ चंद॥१॥

अबजु गहे विष्णुस्वामी पथ नवधा भक्ति रतन रस कंद ।
दरसन ही प्रसन्न होत मन प्रगटे पूरन परमानंद॥२॥

कीरत विसद कहां लों बरनों गावत लीला श्रुति सुर छंद।
सगुनदास प्रभु षट्गुन संपन्न कलिजन उद्धरन आनंद कंद॥३॥

जब तें वल्लभ भूतल प्रगट भये।
वदन सुधानिधि निरखत प्रभु कौ सब दूर गये॥१॥

श्री लछमन वंस उजागर सागर भक्ति वेद सब फिर जुटये।
मायावाद सब खंड खंडन करि अति आनंद भये॥२॥

गिरिधर लीला विस्तारन कारन दिन दिन केलि रये।
सगुनदास सिर हस्तकमल धरि श्री चरनांबुज गहे॥३॥

नवीनतम

श्रेणियां

पुरालेख

अन्नकूट के पद आरती आश्रय के पद आसकरण जी इन्द्रमान भंग के पद कलेऊ के पद कुंभनदास जी कृष्णदास जी कृष्णदासनि जी खंडिता के पद गणगौर के पद गदाधर जी गिरिधर जी गोविन्द दास जी घासीराम जी चतुर्भुज दास जी छीतस्वामी जी जगाने के पद जन्माष्टमी डोल के पद तुलसीदास जी दान के पद दीनता के पद द्वारकेश धमार के पद नंददास जी नंद महोत्सव नित्य पाठ नित्य सेवा परमानंददास जी पलना पवित्रा के पद फूलमंडली के पद बसंत के पद भगवान दास जी मंगला आरती मंगला सन्मुख मकर सक्रांति के पद महात्म्य महाप्रभु जी का उत्सव महाप्रभू जी की बधाई माधोदास जी यमुना जी के पद यमुना जी के ४१ पद रथ यात्रा के पद रसिक दास राखी के पद राग आसावरी राग कल्याण राग कान्हरो राग काफी राग केदार राग गोरी राग गौड सारंग राग जैजवंती राग टोडी राग देवगंधार राग धना श्री राग नूर सारंग राग बसंत राग बिलावल राग बिहाग राग भैरव राग मल्हार राग मालकौस राग मालव राग रामकली राग रायसो राग ललित राग विभास राग सारंग राग सोरठ राजभोज आरोगाते समय रामनवमी के पद रामराय जी विवाह के पद विविध विविध भजन शयन सन्मुख के पद श्री गंगाबाई श्रीजी श्रीनाथ जी श्री महाप्रभु जी के पद श्री वल्लभ श्री वल्ल्भ श्री हरिराय जी श्रृंगार के पद श्रृंगार सन्मुख षोडश ग्रंथ सगुनदास जी सांझी के पद सूरदास जी सूरश्याम हरिदास जी हिंडोरा के पद होली के पद होली के रसिया

Enter your email address to subscribe to this blog and receive notifications of new posts by email.

Join 356 other subscribers