जीवन का सच्चा सुख है बस श्रीनाथ तुम्हारे चरणों में।
मेरा तन मन धन सब अर्पण है, श्रीनाथ तुम्हारे चरणों में।
ये राग द्वेष आशा तृष्णा, सब मन से प्रभु मेरे हट जावें।
मेरे जीवन की ये डोर प्रभु श्री नाथ तुम्हारे चरणों में।
सेवा पूजा का ज्ञान नही, भक्ति की मुझे पहचान नही,
मेरे जीवन के हैं धाम सभी, श्रीनाथ तुम्हारे चरणों में।
मेरा रोम रोम श्री कृष्ण कहे, मेरी श्वास श्वास हरे कृष्ण कहे,
मुझे अपने धाम बुला लेना, श्रीनाथ तुम्हारे चरणों में।
सेवक हूं तुम्हारे चरणों का, मेरा सब कुछ तुम्हे समर्पण है,
मेरा ध्यान हमेशा लगा रहे, श्रीनाथ तुम्हारे चरणों में।
मैं दर्शन करने आऊँ प्रभु, बस एक झलक दिखला देना,
मेरी विनती बारंबार प्रभु, श्रीनाथ तुम्हारे चरणों में।
तुम्ही मेरे मात पिता हो प्रभु, तुम्ही मेरे बंधु सखा स्वामी,
मैं सौंप रहा हूं यह जीवन, श्रीनाथ तुम्हारे चरणों में।
घर में तुमसी ठाकुर सेवा, सब आपकी ही बलिहारी है,
है वैष्णव मंडल सदा शरण, श्रीनाथ तुम्हारे चरणों में।
जीवन का सच्चा सुख है बस, श्रीनाथ तुम्हारे चरणों में।
टिप्पणी करे
Comments feed for this article